सावन में चारो तरफ हरयाली का वातवरण है, सावन का मौसम कई मायनो में खास होता है | एक तरफ लोग शिव की भक्ति में पूरे मास लीन रहते है तो दूसरी तरफ महिलाओ के लिए भी यह मास विशेष होता है | महलाये इस महीने साज श्रृंगार करती है और मेहँदी लगाती है | बच्चो के लिए सावन झूला झूलने वाला महीना होता है | प्रकृति सृजन के रंग में होती है सावन में बारिश की बूँद बूँद से प्रकृति खिल उठती है और और चारो तरफ हरियाली छा जाती है वही आकाश में भोले बाबा के जयकारे गुंजित हो रहे होते है | आईये जानते है सावन में कैसे करें तैयारी और क्या सावधानिया बरतें |
- अगर शिव जी को प्रसन्न करना है तो प्रतिदिन सूर्योदय के साथ ही शिव को जल के साथ बिल्व पत्र और बेल चढ़ाये |
- सावन में हरे रंग का बहुत महत्व है कहते है | भगवन शिव को हरा रंग अत्यधिक प्रिय है |सावन में महिलाये द्वारा हरी चूड़िया पहनने का रिवाज है | पक्की चूडिया ही पहने |
- महिलाओं द्वारा मेहँदी लगाना भी सावन में काफी प्रचलित है | केमिकल मेहँदी की जगह पत्तो वाली मेंहदी का प्रयोग करने के आयुर्वेदिक फायदे तो है ही साथ ही रंग भी गहरा चढ़ता है |
- अगर झूला लगाने का प्लान है तो ध्यान से लगाए | पुरानी छतो , कच्ची पेड़ की डालों पर झूला न लगाए |
- सावन अत्यधिक बारिश का महीना होता है | बेहतर होगा नहाते समय प्रतिदिन डेटोल का प्रयोग करें और संक्रमण को दूर करें |
- वैसे तो बारिश के पानी में भीगने का अपना मजा है पर बार बार भीगना भी आपकी इम्युनिटी पे बुरा प्रभाव डालता है इसलिए घर से हमेशा छाता लेकर निकले |